देवउठनी एकादशी 2024 :तुलसी विवाह :
- Bhavika Rajguru
- Nov 6, 2024
- 2 min read
इस साल देवोत्थान एकादशी 12 नवंबर 2024 को है। इस दिन वृंदा यानी तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु को विग्रह स्वरूप शालिग्राम से कराया जाता है। मान्यता है कि तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।

*तुलसी विवाह 2024 शुभ मुहूर्त * :
गोधूलि बेला का समय - शाम 05:28 - 05:55 (13 नवंबर)
देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त -
शाम 05:29 - 05:55 (12 नवंबर), मान्यता अनुसार कुछ लोग देवउठनी एकादशी की शाम को तुलसी और शालीग्राम जी के विवाह की परंपरा निभाते हैं.।
विधि :
गंगाजल से तुलसी जी और शालिग्राम जी को स्नान कराएं। भगवान शालिग्राम को पीले फूल, वस्त्र और फल अर्पित करें फिर पीले चंदन से तिलक लगाएं। तुलसी जी को फल, फूल, लाल चुनरी, बिंदी, सिंदूर समेत श्रृंगार का सामान अर्पित करें और लाल चंदन से तिलक लगाएं। अब धूपबत्ती और घी का दीपक प्रज्वलित करें।
तुलसी के पौधे के चारों तरफ स्तंभ बनाएं।
फिर उस पर तोरण सजाएं।
रंगोली से अष्टदल कमल बनाएं।
शंख,चक्र और गाय के पैर बनाएं।
तुलसी के साथ आंवले का गमला लगाएं।
तुलसी का पंचोपचार सर्वांग पूजा करें।
दशाक्षरी मंत्र से तुलसी का आवाहन करें।

*तुलसी विवाह कैसे किया जाता है *:
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाने के बाद शंख और घंटानाद सहित मंत्र बोलते हुए भगवान विष्णु को जगाया जाता है. फिर उनकी पूजा की जाती है. शाम को घरों और मंदिरों में दीये जलाए जाते हैं ,गोधूलि वेला यानी सूर्यास्त के समय भगवान शालिग्राम और तुलसी विवाह करवाया जाता है. ।
*विष्णु जी ने क्यों किया तुलसी से विवाह *
एक पौराणिक कथा है, जिसमें जालंधर को हराने के लिए भगवान विष्णु ने वृंदा नामक अपनी भक्त के साथ छल किया था. इसके बाद वृंदा ने विष्णु जी को श्राप देकर पत्थर का बना दिया था, लेकिन लक्ष्मी माता की विनती के बाद उन्हें वापस सही करके सती हो गई थीं. उनकी राख से ही तुलसी के पौधे का जन्म हुआ और उनके साथ शालिग्राम के विवाह का चलन शुरू हुआ.।
तुलसी विवाह कराने से क्या लाभ मिलता है
हिंदू धर्म में कन्यादान को महादान की श्रेणी में रखा गया है. मान्यता है कि तुलसी विवाह की परंपरा निभाने वालों को कन्यादान करने के समान फल प्राप्त होता है. तुलसी विवाह घर के आंगन में कराना चाहिए. इसके लिए सूर्यास्त के बाद गोधूलि बेला का मुहूर्त चुनें. मान्यता है जिस घर में शालिग्राम जी और तुलसी माता का विवाह कराया जाता है वहां लक्ष्मी जी वास करती हैं. |
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