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रथ सप्तमी: सूर्य देव की पूजा का महत्व, उपाय और लाभ :

रथ सप्तमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह

दिन खासकर आध्यात्मिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष

रथ सप्तमी 4 फरवरी 2025 को मंगलवार को मनाई जाएगी। रथ सप्तमी का पर्व माघ माह की शुक्ल पक्ष

की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है और यह भगवान सूर्य के प्रति श्रद्धा का प्रतीक होता है। इसी दिन

ऋषि कश्यप और माता अदिति को भगवान सूर्य पुत्र के रूप में प्राप्त हुए थे।

आइए, इस ब्लॉग में हम रथ सप्तमी के महत्व, पूजा विधि, विशेष अनुष्ठान, मंत्रों और लाभों पर विस्तार से

चर्चा करें।

रथ सप्तमी का धार्मिक महत्व :

रथ सप्तमी को ‘आरोग्य सप्तमी’ और ‘सूर्य जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से

सूर्य देव की पूजा की जाती है, जिन्हें स्वास्थ्य, ऊर्जा, और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के

अनुसार, इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

रथ सप्तमी का यह दिन विशेष रूप से सूर्य देव की आराधना और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का

अवसर प्रदान करता है। सूर्योदय से पहले अरुणोदय स्नान करना, सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करना और दीप

जलाना जैसे पवित्र कार्य इस दिन किए जाते हैं।


रथ सप्तमी 2025 : शुभ मुहूर्त :

  • सप्तमी तिथि प्रारम्भ: 04 फरवरी 2025 को सुबह 04:37 बजे से

  • सप्तमी तिथि समाप्त: 05 फरवरी 2025 को सुबह 02:30 बजे तक

  • रथ सप्तमी स्नान मुहूर्त: 04:56 ए एम से 06:40 ए एम (am ) तक

  • अरुणोदय: 06:16 ए एम ( am)

  • सूर्योदय: 06:40 ए एम (am)


रथ सप्तमी की पूजा विधि और विशेष अनुष्ठान :

1. पवित्र स्नान (अरुणोदय स्नान) : रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र स्नान करना

चाहिए। इसे अरुणोदय स्नान कहते हैं, और ऐसा माना जाता है कि इस स्नान से पापों का नाश

होता है और शरीर में आरोग्यता का संचार होता है। तमिलनाडु में यह स्नान विशेष रूप से इरुक्कू

पत्तों से किया जाता है।

2. सूर्य देव को अर्घ्यदान: स्नान के बाद सूर्य देव को तांबे के कलश में जल भरकर अर्घ्य अर्पित करें।

इस दौरान सूर्य देव के 12 नामों का जाप करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता

है। यह अनुष्ठान मानसिक शांति और सफलता के लिए अत्यंत लाभकारी है।

3. दीप दान और सूर्य पूजन : अर्घ्य अर्पित करने के बाद, घी का दीपक जलाकर सूर्य देव की पूजा करें।

इस पूजा में लाल फूल, कपूर, और धूप का उपयोग करें। सूर्य पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का

संचार होता है और व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है।

4. रंगोली और सूर्य रथ की प्रतीकात्मक छवियां: रथ सप्तमी के दिन घरों में रंगोली बनाई जाती है,

जिसमें सूर्य रथ के सात घोड़ों की छवियां उकेरी जाती हैं। यह विशेष रूप से दक्षिण भारत में

प्रचलित है।

5. दूध उबालना और भोग अर्पण: आंगन में मिट्टी के बर्तन में दूध डालकर सूर्य की ओर मुंह करके

उबाला जाता है। इसके बाद उस दूध से 'परमन्नम' (मीठे चावल) बनाया जाता है, जिसे सूर्य देव को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है।

6. मंत्र जाप और ग्रंथों का पाठ: रथ सप्तमी पर विशेष मंत्रों का जाप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

निम्नलिखित मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है:

o गायत्री मंत्र:

ॐ भूर्भुवः स्वः, तत्सवितुर्वरेण्यं, भर्गो देवस्य धीमहि, धियो यो न: प्रचोदयात्।

o सूर्य सहस्रनाम

o आदित्यहृदयम्

o सूर्याष्टकम्


रथ सप्तमी का ज्योतिषीय महत्व :

रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव मकर राशि में होते हैं और उत्तरायण गति में रहते हैं। यह दिन विशेष रूप से

शुभ होता है, और इस दिन किए गए दान और पुण्य कई गुना बढ़कर फल देते हैं। अन्न, वस्त्र, और तिल

दान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

रथ सप्तमी के लाभ :

रथ सप्तमी के दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

1. आरोग्य और दीर्घायु प्राप्ति

2. मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति

3. सफलता और समृद्धि में वृद्धि

4. ग्रह दोष निवारण, विशेष रूप से सूर्य ग्रह की शांति


रथ सप्तमी के विशेष उपाय: रथ सप्तमी का दिन सूर्य देव की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए

अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में सुख,

समृद्धि, और सफलता प्राप्त कर सकता है। निम्नलिखित उपाय रथ सप्तमी के दिन किए जा सकते हैं, जो

न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करेंगे, बल्कि शारीरिक और मानसिक शांति भी देंगे:

1. पूर्व दिशा की सफाई और दीपक जलाना : रथ सप्तमी के दिन घर की पूर्व दिशा को साफ-सुथरा रखें और वहां एक दीपक जलाएं। इस उपाय के साथ 27 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। यह उपाय सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

और व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि मिलती है।

2. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ : रथ सप्तमी के दिन कुश के आसन पर बैठकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। यह पाठ सूर्य देव की उपासना में अत्यंत शुभ और प्रभावी होता है। इसके साथ ही, अपने पिता या पिता के समान उम्र वाले व्यक्ति के चरण स्पर्श करें। इस उपाय से सूर्य देव की कृपा मिलती है और जीवन में

उन्नति होती है।

3. नेत्रहीन व्यक्तियों को भोजन देना : रथ सप्तमी के दिन कुछ मीठा भोजन बनाकर नेत्रहीन व्यक्तियों को

खिलाएं। साथ ही, जरूरतमंदों को गेहूं, गुड़, तांबे के बर्तन, और लाल कपड़े दान करें। यह दान पुण्य प्राप्त करने और सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम तरीका है।

4. सूर्य देव को अर्घ्य देना : रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन

जल्दी उठकर प्रात: काल नहाकर उगते सूर्य को जल चढ़ाएं। अर्घ्य तांबे के लोटे से देना चाहिए। जल में लाल

चंदन, चावल, लाल फूल, और कुश डालें। इसके बाद सूर्य देव के वेदिक मंत्रों का जाप करें। इस उपाय से व्यक्ति को अपार धन और यश की प्राप्ति होती है और सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। भाग्य का साथ मिलता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।

5. लाल चंदन का उपाय : रथ सप्तमी के दिन लाल चंदन का चूर्ण बनाकर उसे लाल कपड़े में बांध लें। एक

चुटकी चूर्ण भी पर्याप्त है, क्योंकि आस्था सबसे महत्वपूर्ण है। फिर उस लाल कपड़े को अशोक के पेड़ पर

टांग दें। यह उपाय शुभ कार्यों की सफलता में मदद करता है और घर में सुख-शांति का वातावरण बनाता है।

6. लाल चंदन का तिलक : रथ सप्तमी के दिन लाल चंदन का तिलक अपने माथे, नाभि, और कंठ पर लगाएं। यह उपाय शारीरिक दोषों का निवारण करता है और शनि दोष से भी छुटकारा दिलाता है। सूर्य देव के प्रभाव से शनि देव का क्रोध शांत होता है और उनकी कृपा बरसने लगती है।

7. लाल चंदन की डिब्बी घर में रखना : तांबे या चांदी की डिब्बी में थोड़ा सा लाल चंदन डालें और उसे घर के मंदिर में रखें। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

यदि आप इसे अपनी तिजोरी में रखते हैं, तो यह आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा। इसके अलावा,

यदि इसे अपने स्टडी रूम, ऑफिस डेस्क, या व्यापार स्थल पर रखते हैं, तो इससे करियर में सफलता प्राप्त

होती है और आपकी तरक्की में वृद्धि होती है।

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