9 मई 2025, शुक्रवार - प्रदोष व्रत ✍️ By Bhavika Rajguru | Rajguru AstroScience :
- Bhavika Rajguru
- 17 hours ago
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🔹 तिथि विशेष:प्रदोष व्रत, जो हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है, विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना के लिए होता है। इस दिन शिवजी की पूजा से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

🔹 व्रत की शक्ति:प्रदोष व्रत से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, और मानसिक शांति, संतान सुख, एवं दुखों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रति को पवित्रता और तपस्या का अनुभव होता है।
🔹 व्रत विधि:
प्रदोष व्रत के दिन दिनभर उपवासी रहें।
संतान सुख और मानसिक शांति के लिए शाम को शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, और शहद अर्पित करें।
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें।
रात को प्रदोष व्रत की पूजा के बाद दीप जलाएं और शिवजी की आराधना करें।
🔹 विशेष ग्रहयोग (2025):
चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा – यह मानसिक शांति और स्थिरता के लिए लाभकारी।
मंगल और सूर्य का शुभ प्रभाव – साहस, कार्यक्षमता और सफलता की प्राप्ति होगी।
🔹 उपाय:
शिवलिंग पर जल अर्पित करें और बेलपत्र चढ़ाएं।
प्रदोष व्रत के दिन सफेद या काले वस्त्र पहनें।
"ॐ नमः शिवाय" का जप करें और विशेष रूप से रात को शिव आराधना करें।
🔹 आज का शुभ रंग:सफेद और काला
🔹 लकी राशियाँ:वृषभ, मकर, और कुम्भ
🔹 आज का विचार:"जो शिव का ध्यान करता है, उसकी दुनिया शिवमय हो जाती है।"
🔸 निष्कर्ष:प्रदोष व्रत से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत केवल शरीर की शुद्धि नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि का भी मार्ग है।
📿 शिव का नाम, हर संकट से बड़ा है!
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