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कार्तिक पूर्णिमा 2025: तिथि, मुहूर्त और पुष्कर स्नान का दिव्य महत्व :
कार्तिक पूर्णिमा 2025 पर 5 नवंबर को पुष्कर में स्नान, दान और ब्रह्मा मंदिर दर्शन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ब्रह्म मुहूर्त स्नान और हरि-हर उपासना से मोक्ष, धन लाभ और दिव्य पुण्य का अत्यंत विशेष योग बनता है।


Significance of Snan ( Bathing ) on Pushkar Poornima 2025
Pushkar Poornima 2025 is a sacred full moon celebration focused on the powerful ritual of Snan. The holy bath symbolizes purification, spiritual renewal, cultural unity and inner healing. This festival connects devotees with devotion, health, nature and divine consciousness.


🌕 कार्तिक पूर्णिमा 2025: प्रकाश, पवित्रता और भक्ति का महासंगम :
5 नवंबर 2025, बुधवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा देव दीपावली और त्रिपुरी पूर्णिमा के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इसलिए यह दिन विजय, प्रकाश और मोक्ष का प्रतीक है। स्नान, दीपदान और दान के द्वारा साधक अपने जीवन में दिव्यता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रकाश भर सकते हैं।


🌸 कार्तिक शुक्लपक्ष के अंतिम पांच दिनों (पंच-तीर्थ स्नान) का महत्व :
कार्तिक शुक्लपक्ष के अंतिम पाँच दिन — एकादशी से पूर्णिमा तक — पुष्कर में स्नान और पूजा का अत्यंत पवित्र योग बनता है। ज्योतिषाचार्या भाविका राजगुरु के अनुसार, इन दिनों में पुष्कर स्नान करने से सर्वपाप नाश, अक्षय पुण्य, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।


🌕 सिर्फ पुष्कर में ही क्यों होती है ब्रह्मा जी की पूजा? रहस्य, पुराण और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष विश्लेषण :
ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता कहा गया है, पर उनकी पूजा केवल पुष्कर में ही क्यों होती है? जानिए पद्म पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण की पौराणिक कथाएँ, सावित्री और गायत्री का यज्ञ प्रसंग, तथा ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार पुष्कर के धार्मिक और ज्योतिषीय रहस्य।
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