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करवा चौथ 2024: महत्व, व्रत विधि और शुभ मुहूर्त:

करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में एक विशेष महत्व रखता है, जिसे सुहागिन महिलाएं अपने पतियों

की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। यह व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि

को मनाया जाता है। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को है। आइए, इस ब्लॉग में करवा चौथ

के व्रत की जानकारी, महत्व, और विधि को विस्तार से जानते हैं।

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कब है करवा चौथ का व्रत :

इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि का आरंभ 19 अक्टूबर को शाम 6:17 बजे होगा और 20 अक्टूबर को दोपहर 3:47 बजे तक रहेगा। उदया काल में चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को रहेगी, जिससे यह दिन व्रत के लिए विशेष है।


शुभ मुहूर्त :

20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त:

  • शाम 5:46 से 7:02 बजे तक


भद्रा काल :

20 अक्टूबर को प्रात: 6:25 से 6:46 बजे तक भद्रा काल रहेगा। इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि भद्रा काल में किए गए कार्यों में असफलता की संभावना होती है।


करवा चौथ का महत्व :

करवा चौथ का व्रत माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि

देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए यह व्रत किया था। इसके अलावा, महाभारत काल में भी इस

व्रत का उल्लेख मिलता है, जब गांधारी और कुंती ने अपने पतियों की लंबी आयु के लिए यह व्रत किया।


प्रारंभिक तैयारी :

  • स्नान: सुबह जल्दी स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।

  • व्रत संकल्प: व्रत का संकल्प लें और निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:


मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।


पूजा सामग्री :

  • चौथ माता की तस्वीर

  • मिट्टी का करवा

  • दीपक, सिंदूर, अक्षत, कुमकुम, रोली, चावल, मेहंदी


पूजा विधि :

1. पूजा स्थान तैयार करें: एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और करवा माता की तस्वीर स्थापित करें।

2. आराधना: करवा माता को शृंगार की 16 चीजें अर्पित करें और व्रत कथा का पाठ करें।

3. चंद्र दर्शन: चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें और अपने पति का मुख देखें।

4. व्रत का पारण: पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें।



विशेष ज्योतिषीय संयोग :

इस वर्ष करवा चौथ पर कृत्तिका नक्षत्र और व्यतीपात योग का निर्माण हो रहा है, जो इस व्रत को और

अधिक महत्वपूर्ण बनाता है। बुध और शुक्र दोनों ग्रह तुला राशि में हैं, जिससे बुधादित्य योग बन रहा है।

इसके साथ ही, शनि कुंभ में शश योग बना रहा है। इन सभी ग्रहों के संयोग से पति के भाग्योदय के नए

रास्ते खुलेंगे।

करवा चौथ का व्रत न केवल पति की लंबी आयु के लिए होता है, बल्कि यह परिवार में सुख-शांति और

समृद्धि लाने का भी एक साधन है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए न केवल प्रार्थना करती हैं, बल्कि

उनके साथ समय बिताने का भी एक अवसर मिलता है। इस शुभ अवसर पर अपनी संस्कृति और परंपराओं

को निभाने का यह एक शानदार मौका है।

आशा है कि आप सभी इस करवा चौथ को अपने पति के लिए प्रेम और भक्ति से व्रत रखेंगे और सुखद

वैवाहिक जीवन की प्राप्ति करेंगे।


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