गंगा दशहरा 2025: गंगा अवतरण का महापर्व, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्त्व और पूजा-विधि :
- Bhavika Rajguru
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✍🏻 पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु
पुण्य, पवित्रता और पितरों के आशीर्वाद का पर्व :
🌊 गंगा दशहरा 2025 कब है?
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, गंगा दशहरा 2025 का पर्व 05 जून, को मनाया जाएगा।
• दशमी तिथि प्रारंभ: 04 जून, रात 11:54 बजे
• दशमी तिथि समाप्त: 06 जून, रात 02:15 बजे
इस बार गंगा दशहरा
हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग, रवि योग, गर करण, और वृषभ के सूर्य तथा कन्या के चंद्र के शुभ संयोग में आ रहा है — जो इसे अत्यंत पुण्यकारी बनाता है।

🔱 गंगा दशहरा का पौराणिक महत्व पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु बताती हैं कि यह वह शुभ दिन है जब भागीरथ जी के तप से प्रसन्न होकर मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ। इस दिन गंगा में स्नान, पूजन और दान करने से दश प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है:
कठोर वाणी बोलना
परधन की लालसा
परद्रोह
निषिद्ध हिंसा
परस्त्री गमन
चोरी
मिथ्या संकल्प
चुगली
झूठ बोलना
दूसरों का अहित करना
📜 पर्व की पौराणिक मान्यता: वराह पुराण व स्कंद पुराण के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, बुधवार, हस्त नक्षत्र, कन्या में चंद्रमा और वृषभ में सूर्य के संयोग में गंगा स्नान से मनुष्य दस प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। भविष्य पुराण में कहा गया है कि इस दिन किया गया स्नान, जप, तप, और दान, करोड़ों जन्मों के पापों को नष्ट करता है।
🕍️ गंगा दशहरा 2025 – शुभ योग व मुहूर्त
• सिद्धि योग: सुबह 09:14 तक
• रवि योग: दिन भर
• हस्त नक्षत्र: शुभ नक्षत्र
• तैतिल करण: दोपहर 01:02 बजे तक
• गर करण: 02:15 रात्रि तक
इन शुभ योगों में गंगा स्नान, देवी गंगा, भगवान शिव और तीर्थराज पुष्कर का पूजन विशेष फलदायी है — जैसा कि पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु बताती हैं।
🙏 गंगा दशहरा पूजा-विधि :
“ज्येष्ठशुक्ल दशम्यां दिन गङ्गाजले स्थित्वा एतत् स्तोत्रं पठति यः, स कोटिजन्मकृतपापात् विमुक्तो भवति।”
🌼 प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में करें ये क्रियाएं:
गंगाजल या उसमें मिले जल से स्नान करें
मां गंगा व भगवान शिव का जलाभिषेक करें
चंदन, पुष्प अर्पित करें
दीप प्रज्वलित करें
गंगा स्तोत्र या गंगा चालीसा का पाठ करें
भोग अर्पण करें
क्षमा प्रार्थना करें
🌟 महापावन गंगा स्तोत्र :
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा जल में खड़े होकर गंगा स्तोत्र का 10 बार पाठ करने से साधक को दरिद्रता, पाप, रोग, संकट से मुक्ति प्राप्त होती है:
ऊ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गङ्गे मां पावय पावय स्वाहा।उच्चारा झाह्न्नवी माता नमामि ।
ऊ नमो गंगायै विश्वरूपिणी नारायणी नमो नमः ।
गंगागंगेति यो ब्रूयाद् योजनानांं शतैरपि ।मच्यते सर्व पापेभ्यो विष्णुलोकं स गच्छति ।
🌊 अगर गंगा स्नान संभव न हो तो?
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार यदि आप गंगा तट तक नहीं पहुंच सकते तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और एक कलश में गंगाजल रखकर उसकी पूजा करें। श्रद्धा और निष्ठा से की गई यह क्रिया भी आपको वही पुण्य प्रदान करेगी।
🚰️ गंगा दशहरा पर शुभ दान:
पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु बताती हैं:
कपड़े – गरीबों और जरूरतमंदों को नए वस्त्र दान करें।
अनाज – चावल, गेहूं, मूंग, तिल आदि का दान करें।
जल संबंधी वस्तुएं – मिट्टी के घड़े, लोटे दान करें।
फल-मिठाई – मौसमी फल और मिठाई दान करें।
गुड़-चांदी – मिठास व लक्ष्मी कृपा के लिए दान करें।
ब्राह्मण दान – गेहूं, तिल, गुड़ व दक्षिणा दें।
सुहाग सामग्री – लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि दान करें।
जरूरतमंद को जल, चप्पल, चाटी आदि दान करें।
राहगीरों को शरबत पिलाएं।
👣 पितरों के लिए विशेष दान:
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार गंगा दशहरा पर पितरों के निमित्त दान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है:
• वस्त्र, अन्न • लोटा, तांबे का बर्तन • फल, मिठाई • तिल और जल का अर्घ्य
🕯️ गंगा दशहरा पर क्या करें?
• गंगा स्नान न कर सकें तो घर पर गंगाजल डालकर स्नान करें • गंगाजल पीने के जल में मिलाएं • दीपदान करें, मंदिरों में घी का दीपक लगाएं • गरीबों को अन्न, वस्त्र, चप्पल, पंखा दें • श्री गंगा स्तुति, गंगा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ करें • शिव-पार्वती और गंगा माता की संयुक्त पूजा करें
💫 गंगा दशहरा का विशेष रहस्य :
“सा गङ्गा या ब्रह्माविष्णुशिवरूपा, चन्द्रसमप्रभा, श्वेतदुकूलवसना, मकरवाहिनी – जाह्नवी माता नमामि।”
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार, गंगा केवल जल नहीं, वह शिव की जटा से प्रवाहित ब्रह्म तत्व है। भागीरथ तप से अवतरित, जान्हवी बनकर प्रवाहित, और विष्णु चरणामृत से पवित्र — ऐसी मां गंगा का स्मरण ही भवसागर से पार करा देता है।
🚷 गंगा दशहरा आत्मिक शुद्धि, दान, पवित्रता और पुण्य का पर्व है। यह दिन हमें प्रकृति, पितृ भक्ति और लोक कल्याण की भावना से प्रेरित करता है। पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार यदि हम गंगा के केवल जल को नहीं, बल्कि उसके भाव और संदेश को आत्मसात करें — तो जीवन में पुण्य, शांति और मोक्ष तीनों की प्राप्ति संभव है।
🙏🏻 हर-हर गंगे! जय मां गंगा!
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु
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