जानें क्यों अपरा एकादशी 2025 है विशेष – आयुष्मान योग से लेकर लक्ष्मी कृपा तक, मिलेगा दुर्लभ पुण्य और धन लाभ :
- Bhavika Rajguru
- 8 hours ago
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अपरा एकादशी 2025: पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार व्रत की सम्पूर्ण
जानकारी, महत्व, पूजा विधि और चमत्कारी उपाय :
हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। वर्ष 2025 में अपरा एकादशी व्रत 23 मई को मनाया
जाएगा। यह व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है और भगवान विष्णु को समर्पित
होता है। इसे अचला एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन उपवास एवं विशेष पूजा से पापों से मुक्ति,
आत्मिक शुद्धि, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।

अपरा एकादशी 2025: दिनांक और विशेष संयोग :
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार अपरा एकादशी इस वर्ष विशेष संयोगों के
साथ आ रही है:
तिथि आरंभ: 23 मई 2025 को रात्रि 01:12 बजे
तिथि समाप्त: 23 मई 2025 को रात्रि 10:29 बजे
व्रत तिथि (उदयातिथि अनुसार): 23 मई 2025
विशेष योग: आयुष्मान योग, प्रीति योग, बुधादित्य राजयोग
नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद
ग्रह गोचर: इस दिन बुध देव मेष से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे।
वार: शुक्रवार, जो मां लक्ष्मी को समर्पित होता है।
अपरा एकादशी का महत्व :
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु बताती हैं कि यह व्रत अत्यंत पुण्यदायी और
कल्याणकारी है। यह व्रत करने से व्यक्ति को निम्नलिखित पुण्य प्राप्त होते हैं:
ब्रह्म हत्या, गौ हत्या, गर्भपात, परनिंदा जैसे घोर पापों से मुक्ति
सहस्र गोदान (हजार गायों के दान) के बराबर पुण्य
प्रेत योनि से मुक्ति
आत्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति
श्रीकृष्ण द्वारा बताई गई अपरा एकादशी की महिमा:
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा:
जो पुण्य कार्तिक में पुष्कर में तीन बार स्नान, माघ में मकर राशि में सूर्य के समय प्रयाग में स्नान,
शिवरात्रि पर काशी में शिव सेवा, गया में पितृ तर्पण, बृहस्पति के सिंह राशि में गौतमी स्नान, केदारनाथ व
बद्रीनाथ दर्शन, सूर्यग्रहण पर कुरुक्षेत्र स्नान, गाय, हाथी और स्वर्ण दान से प्राप्त होता है, वह सब पुण्य अपरा
एकादशी व्रत से प्राप्त हो जाता है। एक गर्भिणी गाय, स्वर्ण और उपजाऊ भूमि के दान के बराबर पुण्य इस
व्रत से प्राप्त होता है।
पूजा विधि : (पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु द्वारा अनुशंसित)
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। गंगाजल मिलाना शुभ होता है।
व्रत का संकल्प लें। शुद्ध वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें। पीले वस्त्र पर भगवान विष्णु की मूर्ति/तस्वीर स्थापित करें।
चंदन, पीले पुष्प, तुलसी दल, धूप, दीप अर्पित करें।
भोग में फल, मिठाई, तुलसी पत्र अर्पित करें। केवल सात्विक पदार्थों का उपयोग करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
व्रत कथा का श्रवण करें। अंत में आरती कर प्रसाद वितरित करें।
गरीबों को अन्न, वस्त्र व धन का दान करें।
व्रत के नियम : (भाविका राजगुरु के अनुसार)
दशमी को सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
एकादशी पर व्रत करें, सोना, क्रोध, निंदा, झूठ से बचें।
द्वादशी को ब्राह्मण भोजन कराकर स्वयं व्रत खोलें।
अपरा एकादशी विशेष उपाय : (भाविका राजगुरु द्वारा बताए गए चमत्कारी टोटके)
1. ईशान कोण में दीपक जलाएं: लक्ष्मी प्राप्ति हेतु :
o घी का दीपक जलाएं।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
2. तुलसी पूजा: सकारात्मक उर्जा के संचरण हेतु :
o तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं।
o “ॐ तुलस्यै नमः” का जाप करें। इससे घर में शांति आएगी।
3. पीपल की पूजा: कार्यों में सफलता हेतु :
o विष्णु-लक्ष्मी की पूजा कर पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा करें।
o दीपक जलाकर बिना पीछे मुड़े घर आएं। अधूरे काम पूर्ण होंगे।
4. पीले चंदन से तिलक: विशेष कार्य सिद्धि हेतु :
o केसर और गुलाब जल मिलाकर भगवान विष्णु व स्वयं को तिलक करें। कार्य सिद्धि होगी।
5. नारियल टोटका: आर्थिक लाभ हेतु :
o एक सूखे नारियल में बूरा और घी भरकर चींटी के बिल के पास दबा दें।
o आर्थिक समस्याएं दूर होंगी।
6. श्री युक्त पान: कार्यक्षेत्र में पदौन्नती हेतु :
o पान के पत्ते पर ‘श्री’ लिखकर विष्णु को अर्पित करें। फिर तिजोरी में रखें। प्रमोशन होगा।
7. कृष्ण को नारियल-बादाम का भोग: इच्छा पूर्ति हेतु :
o भोग के बाद बच्चों में बांटें। यह उपाय 27 एकादशियों तक करें। इच्छाएं पूर्ण होंगी।
8. 21 माला मंत्र जाप: संकट नाश हेतु :
o “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र की 21 माला का जाप करें। संकट दूर होंगे।
9. संतान प्राप्ति मंत्र:
o ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
o प्रतिदिन एक माला जाप करें। शीघ्र संतान का योग बनेगा।
10. तुलसी दीपक और आरती: धन प्राप्ति हेतु :
o तुलसी के पास दीपक जलाकर तुलसी चालीसा का पाठ करें। तिजोरी में धन बना रहेगा।
11. सूर्य को अर्घ्य और दीपदान: पितृ कृपा पाने हेतु :
o नदी स्नान करें, सूर्य को अर्घ्य दें और दीपदान करें। पितृ प्रसन्न होंगे।
12. मुख्य द्वार पर दीपक: गृह शान्ति हेतु :
o शाम को मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
दान का महत्व और व्रत पारण : (भाविका राजगुरु के अनुसार)
अपरा एकादशी के दिन मंदिर, ब्राह्मण अथवा गरीबों को अन्न, वस्त्र, धन, नारियल, घी, फल आदि का दान करें।
व्रत पारण दिनांक: 24 मई 2025
पारण समय: सुबह 05:26 से शाम 08:11 बजे तक
निषेधाज्ञाएं:
तामसिक भोजन, चावल, झूठ, क्रोध, वाद-विवाद से बचें।
काले कपड़े न पहनें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति, पुण्य
की प्राप्ति और आत्मिक उत्थान का अद्भुत अवसर है। इस दिन किए गए उपाय एवं पूजा व्यक्ति के
जीवन की अनेक समस्याओं को समाप्त करने में सहायक बनते हैं। आप भी इस एकादशी पर व्रत रखकर
जीवन में सौभाग्य, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
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