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बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा और खास उपायों से जीवन में खुशहाली :

Updated: Jan 28

बसंत पंचमी (Basant Panchami) 2025 का पर्व भारत में हर साल श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता

है। यह त्यौहार खासतौर पर देवी सरस्वती की पूजा से जुड़ा हुआ है और इसे विद्या, बुद्धि, और कला की

देवी के रूप में पूजा जाता है। यह त्योहार नए मौसम, विशेष रूप से बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक

है। साथ ही, यह दिन जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अनेक उपायों और पूजा विधियों के लिए

जाना जाता है।

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बसंत पंचमी का महत्त्व :

बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इसके बारे में मान्यता है कि इसी दिन मां सरस्वती का अवतरण हुआ था, जो ज्ञान, कला और विद्या की देवी हैं। यह दिन विद्यारंभ के रूप में विशेष महत्व रखता है। खासकर, इस दिन विद्या क्षेत्र में सफलता और जीवन में बुराईयों से छुटकारा पाने के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। बसंत पंचमी से बसंतोत्सव की शुरुआत होती है, जो होली तक चलता है। यह समय प्रकृति में नवीनीकरण और उल्लास का होता है, जिसमें जीवन में नए उत्साह और उमंग का संचार होता है।

इस दिन को खासतौर पर विद्यार्थी, संगीतकार, कलाकार, और अन्य लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं

ताकि वे अपनी कला और ज्ञान में उन्नति प्राप्त कर सकें।


बसंत पंचमी 2025: शुभ मुहूर्त और पूजा समय:

आने वाले साल में बसंत पंचमी 2 फरवरी, 2025 को मनाई जाएगी।

यह माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होती है, जो सुबह 09:14 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी, 2025 को सुबह 06:52 बजे तक रहेगी। हालांकि, उदया तिथि के अनुसार 2 फरवरी को ही यह पर्व मनाया जाएगा।

  • तिथि: 2 फरवरी 2025 (रविवार)

  • शुभ मुहूर्त:

  • सरस्वती पूजा मुहूर्त: सुबह 07:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक

  • मध्याह्न का क्षण: दोपहर 12:35 बजे

  • उदया तिथि के अनुसार पूजा: 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा

बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन विशेष रूप से

विद्यार्थियों को अपनी किताबों और कलमों की पूजा करनी चाहिए ताकि उनका ज्ञान में समृद्धि हो।


बसंत पंचमी की पूजा विधि :

बसंत पंचमी की पूजा का विधिपूर्वक तरीका निम्नलिखित है:

1. स्नान के बाद पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।

2. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि पीला रंग मां सरस्वती के साथ जुड़ा हुआ है और यह समृद्धि, ज्ञान और सुख-शांति का प्रतीक है।

3. मां सरस्वती की मूर्ति या फोटो स्थापित करें।

4. फिर पूजा आसन पर बैठकर उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं।

5. कुमकुम, फूल, और धूप-दीप अर्पित करें।

6. पूजा में पीले चावल, मिठाइयाँ, बेसन के लड्डू, और फल अर्पित करें।

7. इस दिन चावल और गुड़ का भोग लगाना विशेष शुभ माना जाता है।

8. मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती उतारें।

9. आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद प्रसाद बांटें।


बसंत पंचमी के खास उपाय (Special Remedies for Basant Panchami): उपाय से जीवन में खुशहाली और तरक्की :

इन उपायों को करने से न केवल आपके दांपत्य जीवन, बल्कि करियर, शिक्षा, और व्यक्तिगत जीवन में भी

उन्नति और खुशहाली आएगी।

1. कामदेव मंत्र और फूलों से उपाय :

बसंत पंचमी के दिन पीले फूलों से किसी व्यक्ति का चेहरा अभ्यंग करें और फिर ,ऊं नमो भगवते

कामदेवाय, यस्य यस्य दृश्यो भवामि, यश्च यश्च मम मुखम पछ्यति तत मोहयतु स्वाहा। मंत्र का

108 बार जप करें। मंत्र जप के बाद फूलों को होली तक संजोकर रखें और फिर उन्हें बहते जल में

प्रवाहित करें। इससे आप जिस व्यक्ति को आकर्षित करना चाहते हैं, वह जल्द ही आपकी ओर

आकर्षित होगा।

2. दांपत्य जीवन में प्रेम बनाए रखने के लिए :

अगर आप अपने दांपत्य जीवन में प्यार बनाए रखना चाहते हैं तो इस दिन भगवती रति और

कामदेव की पूजा करें और उन्हें पुष्प अर्पित करें। यह उपाय आपके दांपत्य जीवन में प्रेम को बनाए

रखेगा।

3. अक्षर ज्ञान के लिए बच्चे के लिए उपाय :

बसंत पंचमी के दिन अनार की कलम या सोने की सलाई को शहद में डुबोकर बच्चे के मुंह पर ऐं

लिखाएं। इससे आपका बच्चा बड़े होकर अच्छा वक्ता बनेगा और उसकी बातें प्रभावी होंगी।

4. रूठे जीवनसाथी को मनाने के लिए :

सफेद कागज पर सिंदूर से क्लीं लिखकर उसे मोड़कर जीवनसाथी की अलमारी में रखें। इस उपाय से आपका रूठा जीवनसाथी जल्द ही मान जाएगा। इसके बाद, पर्ची को बहते जल में प्रवाहित करें।

5. अक्षराम्भ (शिक्षा की शुरुआत) :

अगर आपका बच्चा अभी तक लिखाई शुरू नहीं कर पाया है, तो उसे बसंत पंचमी के दिन काले रंग

की स्लेट पर कुछ न कुछ जरूर लिखवाएं। इससे बच्चे की पढ़ाई की शुरुआत बेहतर होगी।

6. वैवाहिक जीवन में नई उमंग के लिए :

पीले कपड़े पहनकर कामदेव के मंत्र ; ॐ कामदेवाय: विदमहे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नो अनंग:

प्रचोदयात। का जप करें। इससे आपके वैवाहिक जीवन में नई उमंग आएगी।

7. प्यार में वशीकरण के लिए :

किसी को अपने प्यार के वश में करने के लिए ॐ नमः कामदेवाय। सकल जन सर्वजनान् मम्

दर्शने उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष इक्षु धर कुसुमवाणेन हन हन स्वाहा। मंत्र का 21 बार जप करें। इससे

आप जिस व्यक्ति को चाहते हैं, वह आपके प्यार में बंध जाएगा।

8. लेखन प्रतियोगिता या परीक्षा में सफलता के लिए :

एक कलम लेकर उस पर हल्दी और चावल का टीका करें, फिर उसी कलम से पेपर लिखें। इससे

आप लेखन या प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करेंगे।

9. मांगलिक जीवन के लिए हवन :

कामदेव के मंत्र क्लीं का जप कर दही से मिश्रित धान के लावे से हवन करें। इससे अच्छे पति या

पत्नी की तलाश पूरी होगी।

10. सरस्वती पूजा और संगीत में सफलता :

बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करें और उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग अर्पित करें। साथ ही

उनके मंत्र का 11 बार जप करें, ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै नमः। इससे संगीत और कला के क्षेत्र में

सफलता मिलेगी।

11. हाईअर एजुकेशन के लिए उपाय :

मां सरस्वती के मंत्र ;ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै नमः का 108 बार जप करें। इससे आपको उच्च

शिक्षा में कोई भी समस्या नहीं आएगी।

12. लिवर संबंधित समस्याओं के लिए उपाय :

पीले चावल बना कर देवी मां को अर्पित करें और फिर स्वयं खाएं। इससे लिवर की समस्याओं में

राहत मिलेगी।

13. शिवलिंग पूजा और करियर में प्रगति :

बसंत पंचमी के दिन शिवलिंग की पूजा पीले फूलों से करें। इससे करियर में सफलता और तरक्की

मिलेगी।



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