राम नवमी 2025: पूजा विधि, शुभ योग और महत्व :
- Bhavika Rajguru

- Apr 2
- 4 min read
राम नवमी हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया
जाता है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में राम
नवमी का पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से भगवान राम की पूजा होती है, और इस
दिन को लेकर कई शुभ योग और तिथियाँ बन रही हैं, जिनसे यह दिन और भी खास बनता है। इस ब्लॉग
में हम आपको राम नवमी की पूजा विधि, शुभ योग, और मंत्रों के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

राम नवमी:- विशेष महत्व :
पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार, राम नवमी का पर्व न केवल भगवान श्रीराम
के जन्म का प्रतीक है, बल्कि यह एक अवसर भी है जब हम अपने जीवन को भगवान श्रीराम के आदर्शों
और सिद्धांतों से जोड़ सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन साधक भगवान राम की पूजा
करते हैं और उपवास रखते हैं। पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का
वास होता है, और जीवन के तमाम संकट समाप्त होते हैं।
राम नवमी 2025 की तिथि और समय :
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7:26 बजे से शुरू होगी और 6 अप्रैल को शाम
7:22 बजे तक रहेगी। इसके अनुसार, राम नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार इस साल राम नवमी पर पांच महत्वपूर्ण शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इस दिन को और भी खास बना रहे हैं:
राम नवमी के दिन शुभ योग:
1. सुकर्मा योग: यह योग 5 अप्रैल को सुबह से शाम 6:55 बजे तक रहेगा। इस समय किए गए कार्य शुभ
और मंगलकारी माने जाते हैं।
2. रवि पुष्य योग: रविवार को पुष्य नक्षत्र पड़ने के कारण यह अत्यंत शुभ योग बन रहा है। यह योग
नए कार्यों की शुरुआत के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
3. रवि योग: यह योग पूरे दिन रहेगा, जो सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और सभी प्रकार के
दोषों को समाप्त करता है।
4. सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
5. पुष्य नक्षत्र: यह नक्षत्र पूरे दिन-रात रहेगा, जिससे यह दिन और भी विशेष हो जाता है।
इस दिन विशेष रूप से पूजा-पाठ, हवन, दान-पुण्य और मंत्र जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
राम नवमी पूजा मुहूर्त (Ram Navami 2025 Shubh Muhurat) :
राम नवमी की पूजा का विशेष समय 6 अप्रैल को सुबह 11:08 बजे से लेकर दोपहर 1:39 बजे तक रहेगा।
इसके बीच, मध्याह्न काल (12:24 बजे) का समय भगवान श्रीराम के अवतरण समय के रूप में माना जाता
है। इसी समय के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जो देवी सिद्धिदात्री की पूजा के लिए भी
उपयुक्त होता है।
राम नवमी पूजा विधि (Ram Navami 2025 Puja Vidhi) :
राम नवमी की पूजा विधि बेहद सरल और प्रभावशाली होती है। पूजा का उद्देश्य भगवान श्रीराम के प्रति
भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करना है। नीचे राम नवमी पूजा की विधि दी गई है:
1. स्नान और साफ-सफाई: पूजा से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। घर और पूजा स्थल की सफाई करें।
2. भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित करें: पूजा स्थल पर भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
3. पंचामृत और तुलसी पत्र अर्पित करें: भगवान को पंचामृत, गंगाजल, फूल, फल, चोला और तुलसी पत्र अर्पित करें।
4. श्रृंगार: भगवान श्रीराम को आभूषण, पुष्प और तिलक अर्पित करें।
5. धूप और दीप: भगवान राम को धूप और दीप अर्पित करें।
6. भोग: भगवान श्रीराम को फल और मिठाइयाँ अर्पित करें।
7. रामचरितमानस का पाठ करें: भगवान श्रीराम का नाम जपें और रामचरितमानस का पाठ करें या सुनें।
8. आरती और शांति मंत्र: पूजा के बाद भगवान श्रीराम की आरती करें और शांति मंत्र का जाप करें।
9. दान-पुण्य करें: पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
राम नवमी के 10 प्रमुख मंत्र (Ram Navami Mantras in Hindi) :
राम नवमी के दिन श्रीराम के नाम का जाप अत्यंत प्रभावी होता है। यहां 10 प्रमुख मंत्र दिए गए हैं, जिनका
जाप आपको अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त करने में मदद करेगा:
1. राम - यह मंत्र अपने आप में पूर्ण है और शुचि-अशुचि अवस्था में भी जपा जा सकता है।
2. रां रामाय नमः - यह मंत्र राज्य, लक्ष्मी, पुत्र, आरोग्य और विपत्ति नाश के लिए प्रसिद्ध है।
3. ॐ रामचंद्राय नमः - यह मंत्र क्लेश दूर करने के लिए प्रभावी है।
4. ॐ रामभद्राय नमः - यह मंत्र कार्य की बाधाओं को दूर करने के लिए प्रभावी है।
5. ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा - प्रभु कृपा प्राप्त करने और मनोकामना पूर्ति के लिए जपने योग्य है।
6. ॐ नमो भगवते रामचंद्राय - यह मंत्र विपत्ति-आपत्ति के निवारण के लिए जपा जाता है।
7. श्रीराम जय राम, जय-जय राम - यह मंत्र शुचि-अशुचि अवस्था में जपने योग्य है।
8. श्रीराम गायत्री मंत्र - ॐ दशरथाय विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।
9. ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा - शत्रु शमन, न्यायालय, मुकदमे आदि की समस्या से मुक्ति के लिए प्रभावी है।
10. रामरक्षास्तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण - इन मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति
और सुख की प्राप्ति होती है।
राम नवमी के अन्य अनुष्ठान:
हनुमानजी का पूजन: राम नवमी के दिन हनुमानजी की पूजा का भी विशेष महत्व है। उनके मंत्रों का
जाप करके और उनकी पूजा करके भक्तों को जीवन में विशेष आशीर्वाद मिलता है।
नवरात्रि का समापन: राम नवमी नवरात्रि के नौवें दिन होती है, इस दिन नवरात्रि की पूजा समाप्त
होती है और देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है।


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