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"लाल है सिंदूर शौर्य का"

✍🏻 भाविका राजगुरु द्वारा

लाल है सिंदूर शौर्य का,हर बूँद में चित्र है गौरव का।

जब चला “ऑपरेशन सिंदूर” वीरों का,काँपा था दिल दुश्मन के डर का।

ना थी चिंता जीवन की राह की,ना ही परवाह किसी गवाह की।

थे कदम बढ़े वतन के वास्ते,सौंप दिया तन-मन माँ के रास्ते।

हर गोली थी जवाब अन्याय का,हर निशाना प्रतीक सच्चाई का।

बर्फीली सरहद, तपता जज़्बा,वीरों का था वही असली रस्ता।

गूँज उठी थी घाटियाँ – जय हिंद के स्वर से,लहराया तिरंगा दुश्मन की छाँव से।

झुक गई नज़रें अन्याय की,जब लहराई तलवार सच्चाई की।

माँ की मांग में भरा ये रंग,ना था डर, ना कोई भंग।

"ऑपरेशन सिंदूर" बना वो प्रण,जो मिटा गया आतंक का हर बंधन।

सिंधु से सिंध तक गूंजा था नाम,“ऑपरेशन सिंदूर” बना यशगान।

जिस धरती को देखा माँ ने रोते,उसे वीरों ने रंगा शौर्य में लपेटे।

ये सिंदूर है बलिदान का,ना मोल इसका, ना थाम इसका,

ये प्रतीक है उस प्रतिज्ञा का —जो सैनिक करता है भारत माता की रक्षा का।”

जय हिंद! वंदे मातरम्!


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