शारदीय नवरात्र 2025 : शुभ मुहूर्त, नौ देवी स्वरूप और पूजा विधि :
- Bhavika Rajguru

- Sep 19
- 3 min read
✍️ पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद – भाविका राजगुरु
🌸 शारदीय नवरात्र का महत्व :
भारतीय संस्कृति में शारदीय नवरात्र का विशेष स्थान है। यह पर्व मां दुर्गा की उपासना का पावन अवसर है। नौ दिनों तक भक्तजन माता के नौ रूपों की आराधना कर सुख, शांति, शक्ति और समृद्धि की कामना करते हैं।पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार इस समय मां दुर्गा की पूजा करने से ग्रहदोषों का निवारण होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

📅 शारदीय नवरात्र 2025 की तिथियाँ :
प्रारंभ : 22 सितंबर 2025, सोमवार (आश्विन शुक्ल प्रतिपदा, रात्रि 01:23 से)
समापन : 1 अक्टूबर 2025, बुधवार
विजयादशमी (दशहरा) : 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार
✨ विशेष योग : इस बार नवरात्र के प्रारंभ में मंगल और चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी राजयोग बन रहा है। यह योग कुछ राशियों के लिए धन वृद्धि और शुभ अवसर प्रदान करेगा।
🕉️ घटस्थापना का शुभ मुहूर्त :
प्रातःकालीन मुहूर्त : 06:09 से 08:06 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : 11:49 से 12:38 बजे तक
👉 इन दोनों समयावधियों में घटस्थापना कर कलश स्थापित करना अत्यंत शुभ माना गया है।
🌺 शारदीय नवरात्र 2025 : नौ देवी स्वरूप और ज्योतिषीय महत्व :
✍️ पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद – भाविका राजगुरु
नवरात्रि के नौ दिन इस बार 10 दिन केवल भक्ति का पर्व नहीं हैं, बल्कि ग्रहों से जुड़ी शक्तियों को संतुलित करने का दिव्य अवसर भी हैं। देवी दुर्गा के नौ स्वरूप अलग-अलग ग्रहों से जुड़े हैं और उनकी आराधना से जीवन में शांति, सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।
📅 22 सितम्बर 2025 : मां शैलपुत्री
🌸 स्वरूप: प्रथम
🌙 ग्रह संबंध: चंद्रमा
🕉 लाभ: पूजा से चंद्र दोष का निवारण, मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
📅 23 सितम्बर 2025 : मां ब्रह्मचारिणी
🌸 स्वरूप: द्वितीय
♂️ ग्रह संबंध: मंगल
🕉 लाभ: साहस, धैर्य और ऊर्जा मिलती है, मंगल दोष और क्रोध कम होते हैं।
📅 24 सितम्बर 2025 : मां चंद्रघंटा
🌸 स्वरूप: तृतीय
♀️ ग्रह संबंध: शुक्र
🕉 लाभ: जीवन में सुख-शांति, दांपत्य आनंद और प्रेम की वृद्धि होती है।
📅 25 सितम्बर 2025 : मां कूष्मांडा
🌸 स्वरूप: चतुर्थ
🌞 ग्रह संबंध: सूर्य
🕉 लाभ: पूजा से स्वास्थ्य लाभ, ऊर्जा और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
📅 26 सितम्बर 2025 : मां कूष्मांडा
🌞 ग्रह संबंध: सूर्य
🌺 महत्व: ब्रह्मांड की सृष्टिकर्त्री मानी जाती हैं।
🕉 लाभ: सूर्य दोष, पितृ दोष और आत्मविश्वास की कमी दूर होती है।
📅 27 सितम्बर 2025 : मां स्कंदमाता
🌐 ग्रह संबंध: बुध
🌺 महत्व: ज्ञान, बुद्धि और संतान सुख की अधिष्ठात्री।
🕉 लाभ: बुध दोष दूर होते हैं, शिक्षा व करियर में सफलता मिलती है।
📅 28 सितम्बर 2025 : मां कात्यायनी
🌐 ग्रह संबंध: बृहस्पति
🌺 महत्व: शक्ति और साहस का संचार करती हैं।
🕉 लाभ: विवाह में विलंब, गुरु दोष और संतान संबंधी बाधाएं समाप्त होती हैं।
📅 29 सितम्बर 2025 : मां कालरात्रि
♄ ग्रह संबंध: शनि
🌺 महत्व: अंधकार और शत्रु का नाश करती हैं।
🕉 लाभ: शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या और शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
📅 30 सितम्बर 2025 : मां महागौरी
☊ ग्रह संबंध: राहु
🌺 महत्व: शांति, सौंदर्य और शुद्धता की देवी।
🕉 लाभ: राहु दोष, मानसिक तनाव और भय दूर होते हैं।
📅 01 अक्तूबर 2025 : मां सिद्धिदात्री
☋ ग्रह संबंध: केतु
🌺 महत्व: आठ सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी।
🕉 लाभ: केतु दोष का निवारण, आध्यात्मिक उन्नति और रोगों से मुक्ति मिलती है।
👉 इस प्रकार शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में नवदुर्गा की आराधना से व्यक्ति अपने जीवन में नौ ग्रहों के दोषों को दूर कर सकता है और दिव्य शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त करता है।
🐘 मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान
आगमन (22 सितंबर, सोमवार) : माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं।👉 यह शुभ संकेत है जो अच्छी वर्षा, कृषि में वृद्धि, आर्थिक स्थिरता और सुख-समृद्धि का प्रतीक है।
प्रस्थान (2 अक्टूबर, गुरुवार) : माँ दुर्गा पालकी पर सवार होकर विदा लेंगी।👉 यह संकेत है सामाजिक व व्यक्तिगत जीवन में शांति और संतुलन का।
🔮 शारदीय नवरात्र का आध्यात्मिक संदेश
यह पर्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।नवरात्र हमें यह प्रेरणा देता है कि हम नकारात्मक शक्तियों का दमन कर अपने भीतर छिपे दिव्य स्वरूप को पहचानें और जीवन में सकारात्मकता का विस्तार करें।
🪔 विशेष उपाय
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🌼 निष्कर्ष
शारदीय नवरात्र आत्मिक शुद्धि, भक्ति और शक्ति का अद्भुत संगम है। यह समय हमें न केवल मां दुर्गा की कृपा दिलाता है बल्कि हमारे जीवन में सुख, शांति और सफलता के मार्ग भी खोलता है।
🙏 मां दुर्गा सभी भक्तों के जीवन को सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करें।




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