Surya Gochar 2025: सूर्य करेंगे वृषभ राशि में गोचर, जानिए सभी 12 राशियों पर असर और किनका होगा भाग्योदय :
- Bhavika Rajguru
- May 14
- 2 min read
ज्योतिषीय विश्लेषण: पुष्कर की लाल-किताब ज्योतिषाचार्या भाविका राजगुरु
सूर्य गोचर 2025: विशेष परिचय :
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक और समस्त ग्रहों का राजा माना गया है। सूर्य का प्रत्येक
मास होने वाला राशि परिवर्तन संक्रांति कहलाता है। इस वर्ष 14 मई 2025 की रात 11 बजकर 51 मिनट पर सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं और सूर्य के साथ
इनका संबंध तटस्थ किंतु प्रभावशाली होता है।
सूर्य का यह गोचर 14 मई से 14 जून 2025 तक रहेगा, जिसके दौरान न केवल सभी 12 राशियों के जीवन में परिवर्तन आएगा, बल्कि विश्वभर में भी बड़े घटनाक्रम संभव हैं।
सूर्य गोचर का वैश्विक प्रभाव:- ज्योतिषाचार्या भाविका राजगुरु के अनुसार
प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि, विशेषतः भूकंप, अग्निकांड, गैस और वायुयान दुर्घटनाएं संभव।
भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में धार्मिक उथल-पुथल और सड़क प्रदर्शन बढ़ सकते हैं।
मुंबई में भारी बारिश की संभावना।
भारतीय राजनीति में कई बड़े बदलाव, मोदी सरकार में मंत्रिमंडल फेरबदल और स्वास्थ्य कारणों से
मोदी जी की यात्राओं में परिवर्तन संभावित।
अंतरराष्ट्रीय पहचान में वृद्धि, भारत का वर्चस्व बढ़ेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था में अचानक तेजी, बाजार में किसी एक वस्तु की कृत्रिम कमी के संकेत।
होटल, रेस्टोरेंट, पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए यह समय उत्तम रहेगा।
राशिवार सूर्य गोचर 2025 का फलादेश :
मेष राशि –
द्वितीय भाव में गोचर। स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ, विशेषतः आँख और हड्डियों की समस्या। व्यापार में
उन्नति, विदेश शिक्षा के योग।
सावधानी: कार्यस्थल पर षड्यंत्र से बचें।
वृषभ राशि –
आपकी ही राशि में सूर्य का प्रवेश। सरकार से लाभ, मान-सम्मान और टेंडर या प्रोजेक्ट्स में सफलता।
सावधानी: शारीरिक कमजोरी हो सकती है।
मिथुन राशि –
बारहवें व्यय भाव में गोचर। खर्चों में वृद्धि, विदेश यात्रा के योग। माता-पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
सावधानी: विवादों से दूर रहें।
कर्क राशि –
एकादश लाभ भाव में गोचर। मनचाही सफलता, संतान सुख, उच्च अधिकारियों का सहयोग।
सावधानी: प्रेम संबंधों में लापरवाही न करें।
सिंह राशि –
दशम भाव में गोचर। नौकरी में पदोन्नति, स्थान परिवर्तन के योग, वाहन और संपत्ति क्रय।
सावधानी: अचानक धन हानि से सतर्क रहें।
कन्या राशि –
नवम भाग्य भाव में गोचर। आध्यात्मिक प्रगति, विदेश यात्रा, धार्मिक कार्यों में रुचि।
सावधानी: शत्रुओं से सतर्क रहें।
तुला राशि –
अष्टम भाव में गोचर। पारिवारिक तनाव, सामाजिक सम्मान, पुरस्कार की प्राप्ति के योग।
सावधानी: विद्यार्थियों को मेहनत अधिक करनी होगी।
वृश्चिक राशि –
सप्तम भाव में गोचर। विवाह में देरी, व्यापारिक अनुबंध में सफलता।
सावधानी: ससुराल पक्ष से संबंध न बिगाड़ें।
धनु राशि –
छठे भाव में गोचर। कोर्ट कचहरी में विजय, शोध कार्यों में सफलता।
सावधानी: अत्यधिक थकावट से बचें।
मकर राशि –
पंचम भाव में गोचर। शिक्षा, नौकरी और विदेश जाने के उत्तम अवसर।
सावधानी: छात्रों को आलस्य से बचना चाहिए।
कुंभ राशि –
चतुर्थ भाव में गोचर। मानसिक तनाव, माता-पिता की चिंता।
सावधानी: किसी को उधार देने से बचें।
मीन राशि –
तृतीय भाव में गोचर। पराक्रम और साहस में वृद्धि, सम्मान और प्रतिष्ठा का योग।
सावधानी: भावनाओं में बहकर निर्णय न लें।
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