कृष्ण जन्माष्टमी 2025: नवग्रहों की कृपा पाने का सर्वोत्तम अवसर :
- Bhavika Rajguru

- Aug 13
- 3 min read
✍️ पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद - भाविका राजगुरु द्वारा
🕉️ परिचय: जन्माष्टमी का महत्व :
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। यह रात्रि केवल भक्ति और श्रद्धा का पर्व नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत शक्तिशाली और सिद्धि प्रदान करने वाली रात्रि मानी जाती है।पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद - भाविका राजगुरु बताती हैं कि इस दिन नवग्रहों की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष उपायों का विधान है, जो जीवन की बाधाओं, ग्रह दोषों और आर्थिक-सामाजिक संघर्षों से मुक्ति दिला सकते हैं।
स्कंद पुराण के अनुसार-
"यः पश्यन् कृष्णजन्माष्टमीं जानाति च व्रतम् न कुर्यात्, स पुरुषः सर्पवत् वनगतो भवति।"
👉 अर्थ:जो मनुष्य जानबूझकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे दिव्य पर्व पर व्रत नहीं करता, वह व्यक्ति जीवन में उसी प्रकार कष्ट पाता है जैसे कोई सर्प वन में अकेला भटकता है — उपेक्षित, संकटग्रस्त और भयभीत।

🗓️ जन्माष्टमी 2025 की तिथि, मुहूर्त व विशेष योग :
🔹 अष्टमी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त 2025, रात 11:49 बजे
🔹 अष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त 2025, रात 09:34 बजे
🔹 निशिता पूजन मुहूर्त (श्रीकृष्ण जन्म का समय):🕛 16 अगस्त को रात 12:04 से 12:47 तक
📿 अन्य शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:24 से 05:07
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:37 से 03:30
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:00 से 07:22
निशिता काल: रात 12:04 से 12:47
🌟 विशेष योग इस जन्माष्टमी पर :
🔯 वृद्धि योग: 15 अगस्त सुबह 09:05 से 16 अगस्त सुबह 06:32 तक — पूजा-पाठ में वृद्धि फल देता है।🔯 सर्वार्थ सिद्धि योग: 16 अगस्त रात से 17 अगस्त भोर तक (04:38 – 05:55) — सभी कार्य सिद्ध करने वाला योग।
🔯 अमृत सिद्धि योग: 16 अगस्त रात से 17 अगस्त भोर तक — उत्तम योग।
🔯 ज्वालामुखी योग: अशुभ योग, शनि व मंगल का विशेष प्रभाव। इस योग में हनुमान जी व गणेश जी की पूजा विशेष फलदायी।
🪔 ज्योतिषाचार्या भाविका राजगुरु बताती हैं कि इन योगों में विशेष तांत्रिक व वैदिक अनुष्ठान भी सिद्ध होते हैं, इसलिए इसे मोह रात्रि भी कहते हैं।
🌼 जन्माष्टमी पर करें ये अद्भुत उपाय :
✍️ भाविका राजगुरु के अनुसार, जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए यह उपाय अवश्य करें:
🪔 घर में सुख-समृद्धि के लिए:
लड्डू गोपाल को स्नान कराएं, सुंदर वस्त्र पहनाएं, मोर पंख अर्पित करें।
56 भोग लगाएं और उसमें तुलसी पत्र अवश्य रखें।
पूजा के बाद एक पुष्प चुपचाप उठाकर तिजोरी या धन स्थान पर रखें। धन वृद्धि होती है।
💧 शुद्धता व शक्ति के लिए:
दक्षिणवर्ती शंख में जल भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें।
तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं।
📿 संतान सुख के लिए:
सच्चे मन से "संतान गोपाल स्तोत्र" का पाठ करें।
🕊️ गृह क्लेश से मुक्ति के लिए:
राधा-कृष्ण का संयुक्त पूजन करें।
उन्हें पीले फूलों की माला, मिठाई और खीर का भोग लगाएं।
💰 आर्थिक स्थिति सुधारने हेतु:
07 कन्याओं को भोजन कराएं, जिसमें चावल से बनी खीर जरूर हो।
इससे ग्रह दोषों से मुक्ति व आमदनी में वृद्धि होती है।
👁️ नजर दोष से बचाव:
श्रीकृष्ण को चंदन का तिलक करें, फिर वही चंदन अपने माथे पर लगाएं।
🙏 पाप से मुक्ति:
मंदिर के पास केले का पेड़ लगाएं और केले का दान करें।
💒 विवाह संबंधी बाधा के लिए:
राधा-कृष्ण की पूजा करें, उन्हें बांसुरी और खीर अर्पित करें।
रोज़ाना जाप करें:🔸 “ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:”🔸 “ॐ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लभाय स्वाहा:”



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