धूमावती जयंती 2025: विशेष उपाय, तांत्रिक रहस्य और चमत्कारी प्रयोग :
- Bhavika Rajguru

- May 28
- 4 min read
✍🏻 ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु, पुष्कर
धूमावती जयंती न केवल एक तांत्रिक पर्व है, बल्कि यह दिन अद्भुत आध्यात्मिक और लौकिक कल्याण के लिए भी जाना जाता है। मां धूमावती को दस महाविद्याओं में "वैराग्य और विमुक्ति" का प्रतीक माना गया है। यह दिन विशेष उपायों द्वारा दरिद्रता, रोग, भय, शत्रु बाधा और वैवाहिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत फलदायक होता है।

🌺 विशेष उपाय (3 जून 2025 हेतु) :
लाल वस्त्र और लाल पुष्प अर्पण:- देवी को लाल वस्त्र, लाल फूल, विशेष रूप से गुलाब या गुड़हल अर्पित करें। यह उपाय देवी की तामसिक शक्तियों को जागृत कर कृपा दिलाता है।
काले धतूरे के फूल अर्पण करें:- काला धतूरा मां धूमावती का प्रिय पुष्प है। धतूरे के बैंगनी फूल उन्हें चढ़ाने से तंत्र बाधाएं शांत होती हैं।
मंत्र जाप – “ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा” इस मंत्र का 108 बार जाप रुद्राक्ष माला से करें। इससे रोग, भय, दरिद्रता और मनोविकार दूर होते हैं।
देवी कथा श्रवण:- धूमावती की कथा सुनने से देवी की कृपा सहज प्राप्त होती है। यह कथा सुनने से चित्त निर्मल होता है और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
भोग अर्पण – उड़द की खिचड़ी, चावल, सूखी रोटी:- देवी को उड़द की खिचड़ी, चावल, और सूखी रोटी का भोग लगाकर कौवों को खिलाना शुभ होता है। कौवा यम और पितृ का प्रतीक है, और धूमावती देवी पितृदोष निवारक भी मानी जाती हैं।
🔱 धूमावती जयंती के चमत्कारी तांत्रिक प्रयोग
1. घर में सुख-शांति और आर्थिक वृद्धि हेतु
👉 सूखी रोटी का भोग दें और कौवे को खिलाएं।
👉 काले तिल को काले वस्त्र में बांधकर मां को अर्पित करें।
👉 जप करें:“ॐ क्लीं धूं धूमावत्यै नमः” – 108 बार
2. कर्ज मुक्ति और हवन प्रयोग
👉 अभिजीत मुहूर्त में घर में हवन करें। सामग्री में घी, जौ, काले तिल, नीम की पत्तियां और कपूर हो।👉 मंत्र:“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं धूं धूमावत्यै स्वाहा” – 108 आहुतियाँ दें।
3. दरिद्रता और रोग शमन हेतु यज्ञ
👉 काली मिर्च और काले तिल मिलाकर देवी को अर्पित करें।
👉 गुरु मंत्र या धूमावती के बीज मंत्र का जप करते हुए अग्नि में समर्पित करें।
👉 प्रभाव: रोग, दरिद्रता और मानसिक व्याधियों से मुक्ति।
4. छात्रों और नौकरी में बाधा हेतु उपाय
👉 एक लोहे या सींक से बनी छाज में - एक झाड़ू, एक साफ नींबू और दक्षिणा रखें।
👉 इसे नजदीकी देवी मंदिर में दान करें।
👉 इस उपाय से शिक्षा में उन्नति और करियर की बाधाएं दूर होती हैं।
5. विवाह बाधा या वैवाहिक जीवन के लिए
👉 मक्के के एक मुट्ठी दाने पानी में भिगोकर या भुने हुए दाने को कौओं को सुबह खिलाएं।
👉 इससे विवाह में आ रही देरी दूर होती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है।
🔥 धूमावती जयंती पर हवन की विधि
🔸 1. शत्रु नाश हेतु हवन
👉 सामग्री: राई, सेंधा नमक
👉 मंत्र: “ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा”
👉 विधि:
रुद्राक्ष की माला से पहले इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
फिर राई और सेंधा नमक मिलाकर अग्नि में 108 बार आहुति दें।
प्रत्येक आहुति के साथ उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करें।
📿 इस हवन से शत्रु शांत होते हैं, तांत्रिक प्रहार निष्फल होते हैं, और जीवन में शांति आती है।
🔸 2. कर्ज मुक्ति और गरीबी से छुटकारा पाने हेतु हवन
👉 सामग्री: नीम की पत्तियाँ, गौघृत (देसी गाय का घी)
👉 मंत्र: “ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा”
👉 विधि:
सबसे पहले मां धूमावती की पूजा करें।
हवन कुंड में नीम की सूखी या हरी पत्तियाँ और गौघृत मिश्रित करें।
मंत्र का 108 बार जाप करते हुए हवन करें।
हर आहुति में “ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा” मंत्र का उच्चारण करें।
📿 इस विधि से कर्ज से मुक्ति, धनागमन और दरिद्रता का नाश होता है।
🔸 3. देवी को प्रसन्न करने का सरल उपाय
👉 काले वस्त्र में काले तिल लपेटकर देवी को अर्पित करें।
👉 यह उपाय विशेष रूप से साधकों के लिए लाभकारी होता है। इससे मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
🕯️ महत्वपूर्ण निर्देश:
हवन पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें।
शुद्धता, मौन, और ब्रह्मचर्य का पालन इस दिन करें।
हवन के बाद प्रसाद में उड़द की खिचड़ी या सूखी रोटी का भोग लगाएं और कौवों को खिलाएं।
🕉 देवी धूमावती के मंत्र – दरिद्रता और रोग नाशक:
(ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु द्वारा विशेष अनुशंसित)
धूमावती मूल मंत्र:- ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा॥
सप्ताक्षर मंत्र:- धूं धूमावती स्वाहा॥
अष्टाक्षर मंत्र:- धूं धूं धूमावती स्वाहा॥
दशाक्षर मंत्र:- धूं धूं धूं धूमावती स्वाहा॥
चतुर्दशाक्षर मंत्र:- धूं धूं धुर धुर धूमावती क्रों फट् स्वाहा॥
पञ्चदशाक्षर मंत्र:-ॐ धूं धूमावती देवदत्त धावति स्वाहा॥
धूमावती गायत्री मंत्र:- ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात्॥
🌌 ज्योतिषीय महत्त्व:
ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार, देवी धूमावती केतु ग्रह को शांति प्रदान करती हैं। जिन जातकों की कुंडली में केतु जनित रोग, दरिद्रता, भय, संतान बाधा या तंत्रिक दोष हो – उन्हें विशेष रूप से इस दिन मां की पूजा करनी चाहिए।
धूमावती जयंती एक दिव्य और रहस्यमयी पर्व है, जिसे तांत्रिक, सन्यासी और कठिन साधना करने वाले साधक विशेष श्रद्धा से मनाते हैं। इस दिन की गई साधना शीघ्र फल देती है। देवी धूमावती का आशीर्वाद जीवन की हर बाधा और अभाव को दूर करता है।इस वर्ष 3 जून 2025 को आप भी मां धूमावती की कृपा प्राप्त करें और जीवन को दरिद्रता, शत्रु बाधा, रोग और भय से मुक्त बनाएं। 🌸 माँ धूमावती सभी भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखें। 🌸
✍🏻 लेखिका: ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु, पुष्कर (राजस्थान)🔮 विशेषज्ञ – लाल किताब, तंत्र साधना, ग्रह दोष निवारण


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