रमा एकादशी 2025: पूजा विधि, महत्व, मुहूर्त और उपाय :
- Bhavika Rajguru

- Oct 12
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पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार -
हर वर्ष हिंदू कैलेंडर के अनुसार एकादशी का व्रत दो बार मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक एकादशी का अपना
विशेष महत्व और पूजा विधि होती है। इस वर्ष रमा एकादशी का व्रत 2025 शुक्रवार, 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी |

रमा एकादशी तिथि :
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आरंभ:16 अक्टूबर 2025, सुबह 10:35 बजे
एकादशी तिथि समाप्त:17 अक्टूबर 2025, सुबह 11:12 बजे
पारण (व्रत खोलने का समय):18 अक्टूबर 2025 को सूर्योदय के बाद
पूजा का शुभ मुहूर्त :
लाभ - उन्नति - 07:49 ए एम से 09:15 ए एम
अमृत - सर्वोत्तम - 09:15 ए एम से 10:40 ए एम वार वेला
शुभ - उत्तम - 12:06 पी एम से 01:32 पी एम
लाभ - उन्नति - 08:58 पी एम से 10:32 पी एम काल रात्रि
शुभ - उत्तम - 12:06 ए एम से 01:41 ए एम, अक्टूबर 18
रमा एकादशी पूजा विधि विधान :
रमा एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है, और इस दिन की पूजा विधि को ध्यानपूर्वक करना चाहिए।
यहाँ पर रमा एकादशी की पूजा विधि का विस्तृत विवरण दिया गया है:
पूजा विधि :
रमा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठें और किसी पवित्र नदी, तालाब, या कुंड में स्नान करें।
स्नान के बाद, अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
उनके आगे देसी घी का दीपक जलाएं।
पूजा के दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पीला रंग के फल, फूल, वस्त्र, मिठाई और तुलसी
के पत्ते अर्पित करें।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराना न भूलें।
आरती करने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसाद का भोग लगाएं।
व्रत रखने वाले व्यक्ति को व्रत रखने का प्रण लेना चाहिए।
एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखना होता है, इसलिए इस दिन कुछ भी न खाएं या न पिएं।
इस दिन आप भगवान विष्णु के लिए विष्णु पुराण भी पढ़ सकते हैं।
शाम की पूजा :
शाम को फिर से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें और उन्हें प्रसाद का भोग लगाएं।
एकादशी के दिन गाय, ब्राह्मण और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है।
व्रत का पारण :
व्रत का पारण 18 अक्टूबर को किया जाएगा, जिसमें पुनः भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करके
उन्हें प्रसाद का भोग अर्पित करें।
रमा एकादशी का व्रत अपने भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता
लक्ष्मी की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
रमा एकादशी का महत्व :
पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार
रमा एकादशी को माता लक्ष्मी की प्रिय माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु का जागरण होता है, और
उनके साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है। इस व्रत को करने से जीवन में
खुशियों का वास होता है, साथ ही आर्थिक समस्या और पापों से छुटकारा मिलता है।
रमा एकादशी के दिन मां लक्ष्मी के रमा स्वरूप की पूजा करने के साथ भगवान विष्णु के केशव स्वरूप की
पूजा करने की मान्यता है। रमा एकादशी का व्रत करने से कामधेनु के समान पुण्य मिलता है और व्रती
अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इस दिन कुछ अचूक उपायों को करने से धन-धान्य बना रहता है।
रमा एकादशी के उपाय :
पुष्कर की लाल किताब ज्योतिर्विद भाविका राजगुरु के अनुसार
लाल-किताब ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से
भक्तों को दुखों से मुक्ति और सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन पालनहार व्रत करने से भगवान विष्णु की
कृपा बनी रहती है और आय में वृद्धि होती है। यदि आप भी विष्णु जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो
निम्नलिखित उपाय करें:
1. रमा एकादशी के दिन 11 कौड़ियां माता लक्ष्मी को अर्पित करें। इसके बाद कौड़ियों को पीले कपड़े में
बांधकर तिजोरी में रखने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और घर में बरकत बनी रहती है।
2. भगवान विष्णु को एक रुपये का सिक्का अर्पित करें और रोली, अक्षत, फूल से उनकी पूजा करें। इस
सिक्के को लाल कपड़े में बांधकर ऑफिस में रखने से व्यापार में आ रही मुश्किलें दूर होती हैं।
3. शालिग्राम भगवान की पूजा करने से जीवन के सभी दुख खत्म होते हैं। उन्हें पीले फूल, कपड़े और
भोग अर्पित करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है।
4. विष्णु के मंदिर में पीले कपड़े चढ़ाने से नौकरी में प्रमोशन के योग बनते हैं और शुभ संकेतों की
प्राप्ति होती है।
5. तुलसी की पूजा करना इस दिन बेहद शुभ माना गया है। शाम में तुलसी की पूजा करें और पौधे के
सामने घी का दीया जलाकर 11 बार तुलसी की परिक्रमा करें। इससे आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
6. इस दिन पीले रंग के कपड़े, फल और अनाज आदि का दान करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे विष्णु
भगवान का आशीर्वाद मिलता है और घर में किसी चीज की कमी नहीं रहती।
7. रमा एकादशी के दिन तुलसी के पौधे लगाना और उनकी विशेष पूजा करना भी लाभकारी होता है।
इससे सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं और धन वर्षा होती है।
8. एकादशी के दिन सिक्के की पूजा करें और उसे लाल कपड़े में बांधकर सुरक्षित स्थान पर रखें। इससे
व्यापार में उन्नति होती है।
9. यदि संभव हो, तो विष्णुसहस्त्र नाम स्तोत्र, कनकधारा स्तोत्र और श्री सूक्त का पाठ स्वयं करें या
किसी विद्वान पंडित से करवाएं। इससे जीवन में आर्थिक समस्या नहीं आती।
इन उपायों को अपनाकर आप रमा एकादशी का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं और भगवान विष्णु की कृपा
पा सकते हैं।


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